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Inspirational Talks in Hindi & English

Rahul Kapoor ignites your inner power through versatile programs both in English & Hindi. It is truly a soulful experience to listen to his Hindi programs, which convey the same combination of passion, impact and experience seamlessly. His programs delight audiences of diverse profiles, languages and backgrounds in a very simple, yet effective manner.

  • चरण स्पर्श
  • सुखी परिवार
  • साधारण से असाधारण जीवन

''माता -पिता की महानता के प्रति समर्पण है यह ,
बच्चों की भूमिका के अहसास का दर्पण है यह । ''

एक ऐसा बेमिसाल कार्यक्रम , जो आपके मन के तार छू लेगा। माता -पिता के चरण -स्पर्श के लिए आपको नत मस्तक कर देगा । हम सब जानते है कि माता -पिता का स्थान जीवन में अद्वित्तीय , अलौकिक और अतुल्य है । उनकी जगह दुनिया की अन्य वस्तु नहीं ले सकती । उनका उपकार चुकाया नहीं जा सकता । धरती पर विधाता का प्रत्यक्ष स्वरूप , प्रथम गुरु का प्रतिरूप होते है। इन सब बातों को तहे -दिल से महसूस करवाने , माता -पिता के प्रति कृतज्ञता को शिद्दत से समझने में 'चरण स्पर्श ' कार्यक्रम एक हृदय स्पर्शी प्रयास है ।

जन्म दाता और जननि के प्रति हमारा फर्ज , हमारा रवैया और दायित्व का बोध इसमें शामिल है । माता-पिता के चरण स्पर्श की महिमा को वैज्ञानिक , धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से समझाने की कोशिश समाहित है । सिर्फ इतना ही नहीं , माता -पिता होने के नाते बच्चों के प्रति दायित्व और उनकी जीवन-प्रगति में जरूरी भूमिका पर भी रोशनी डाली है । जजबातों और भावनाओ के साथ चिंतन और मनन का खूबसूरत समन्वय है।

'' मोती से मोती एक धागे में जुडे तो बने कीमती हार ,
सदस्यों का मन प्रेम सूत्र में बंधे तो बने सुखी परिवार ''

माता -पिता , भाई -बहन , पति -पत्नी , ब च्चे , दादा-दादी , चाचा - चाची , बुआ -फूफा ...... भारतीय समाज की खूबी यही तो है कि हर रिश्ते का अपना ही नाम है , अपनी ही जगह है । हर एक की अपनी भूमिका है , अपनी एक गरिमा है । सोचने वाली बात है कि वर्तमान समय में संबंधों के बदलते समीकरण में 'सुखी परिवार ' के मायने क्या रह गए है ? निज सुख की चाह में परिजनों की खुशी के लिए कितनी चाहत बाकी रही है ? परिवार के सदस्यों से कर्त्तव्य -पालन की उम्मीद तो रखते है , लेकिन उनके प्रति अपने दायित्व का बोध कितना रहता है ? बहू से अपेक्षा की जाती है कि वह 'बेटी ' बनने का प्रयास करें लेकिन कोई 'दामाद ' को ' बेटा' बनने के लिए नसीहत देता है ?

ऐसी अनेक बाबत को टटोलने की कोशिश की है राहुल कपूर जैन ने , अपने नायाब और कामयाब कार्यक्रम - 'सुखी परिवार' में ! ऐसी पहल जिसमें सुखी परिवार को बनाने और बरकार रखने के लिए अनेक पहलुओ पर रोशनी डाली जाती है । धार्मिक,सामाजिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर गौर किया जाता है ।

'' जीवन से दुविधा , दुख , नाकामी , मायूसी को दूर करना है अगर
तो तय करना होगा ' साधारण जीवन से असाधारण जीवन ' तक का सफर । ''

जिन्दगी में प्रगति , पैसा , प्रतिष्ठा और प्यार की दरकार किसे नहीं होती ? सफलता के क्षितिज पर उडान भरने की चाहत किसे नहीं होती ? लेकिन हर कोई अपनी मयार के मुताबिक कामयाबी , खुशी या खुशहाली का हकदार नहीं बन पाता ! आखिर वजह क्या है ? राहुल कपूर जैन अपने इस खास कार्यक्रम में कुछ ऐसे 'रहस्यों ' का खुलासा करेंगे जिससे कि एक साधारण जीवन का रुख पलट सकता है और वह असाधारण जीवन के रूप में परिवर्तित हो सकता है । व्यक्तिगत विकास , व्यावसायिक संपन्नता , पारीवारिक सौहार्द , सामाजिक सरोकार , आध्यात्मिक उत्थान जैसे विविध पहलुओ पर चिंतन - मनन के साथ अंदरूनी क्षमता और दृढ संकल्प को जागृत करने की बारीकियों पर रोशनी डाली जाती है। हर इंसान अपनी किस्मत का भाग्य विधाता बन सकता है , अपने जीवन को असाधारण बना सकता है । बस जरूरत होती है , अपने आप को पहचानने की ! राहुल कपूर जैन बस इस बात का अहसास कराते है - ''कस्तूरी कुंडल बसे , मृग ढूंढे बन माही !''

Leaders inspired by Rahul

 

  • श्री नाकोड़ा सोश्यल ग्रुप सूरत द्वारा आयोजित "चरण स्पर्श" माता पिता के संस्कारो को आओ करे वंदन का भव्य कार्यक्रम सूरत के प्रसिद्ध पंडित दिन्दयाल उपाध्याय इंडोर स्टेडीयम में दिनांक 12.06.16 को आयोजित हुआ। क़रीब 8000 श्रोताओ की मोजूदगी में मुख्य वक़्ता श्री राहुल कपूर जैन ने प्रेरणादायक स्पीच द्वारा सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया ।राहुलजी आपके माध्यम से चरण स्पर्श के उद्देश्य को हम सभी के ह्रदय तक पहुँचा पाए। संस्था द्वारा आपका ख़ूब ख़ूब धन्यवाद एवं आभार।
    गौतम गुलेच्छा – अध्यक्षश्री नाकोड़ा सोशयल ग्रूप सूरत
  • हमारे संघ सदस्य परिवारों के लिए 'सुखी परिवार - जीवन का आधार ' कार्यक्रम यादगार साबित हुआ। हजार से भी ज्यादा श्रोताओ को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वक्ता राहुल कपूर जैन ने मंत्र मुग्ध कर दिया । परिवार को सुखी रखने के लिए धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से उपयोगी अनेक गुरों को उन्होंने बारीकी से बाखूबी समझाया । नकारात्मकता को सकारत्मकता में तब्दील करने तथा विचारों व व्यवहार में परिवर्तन जगाने का अंदाज उल्लेखनीय था। सुखद समापन में परिवार के सदस्यों को आपस में गले मिलने , माता -पिता के चरण स्पर्श करने और गलतियों के लिए माफी मांगने का नजारा अपने आप में दिल को छू लेने वाला था। राजेन्द्र गुलेच्छा - (मंत्री) श्री सिवांची ओसवाल जैन संघ, बेंगलोर
  • Your talk on 'Sadharan Se Asadharan Jeevan Ke Rahasya' was very interesting. The way you connected with the audience, your confidence, freshness in presentation and command over subject, presentation through storytelling and live demonstrations by inviting volunteers from the audience were quite appreciable. Also, the way you carried yourself in the presence of Guru Bhagwants on the stage was graceful.Dushyant ShahTorrent Pharmaceuticals